अनेक प्रकार के रंगों में ढ़लते,
बहुरुपिया वेशधारी हमने देखा !
आँखें मूंद कर लगाये समाधी,
गेरुआ वस्त्रधारी हमने देखा !!
वेद-पुरान के अधकचरा ज्ञान लिए,
बहुरुपिया वेशधारी हमने देखा !
आँखें मूंद कर लगाये समाधी,
गेरुआ वस्त्रधारी हमने देखा !!
वेद-पुरान के अधकचरा ज्ञान लिए,
ब्रह्मज्ञानी बननेवाला हमने देखा !
रंगों से ललाट पर तीसरी आँखें बना,
त्रिकालदर्शी कहलानेवाला हमने देखा !!
पैसों की कृपा बरसानेवाले को,
ठगकर पैसा बटोरते हमने देखा !
भगवान कहलानेवाले इन पाखंडियों को,
यमराज के आगे घुटने टेकते हमने देखा !!
Copyright© reserved by
Poetess Asha Prasad "ReNu"
रंगों से ललाट पर तीसरी आँखें बना,
त्रिकालदर्शी कहलानेवाला हमने देखा !!
पैसों की कृपा बरसानेवाले को,
ठगकर पैसा बटोरते हमने देखा !
भगवान कहलानेवाले इन पाखंडियों को,
यमराज के आगे घुटने टेकते हमने देखा !!
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Poetess Asha Prasad "ReNu"
lol....acha hai...
ReplyDeleteakhir in "Shareef Logo" ko bhi aapne nahi choda...hahahaha
In pakhandiyo ko to desh se hi nikal dena chahiye...