चाँद सितारों में जाकर ढूंढा,
मेघ बयारों से जाकर पूछा,
जाने वाले कहाँ चले जाते हैं,
दे ठौर-ठिकाना उनका बता !!
ओ महायात्रा पर जाने वाले,
क्यों लौट नहीं घर को आते,
दिवाली तुम्हारे बिना फीका,
होली का रंग भी बेरंग हुआ !!
आ कर देखो बस एक बार,
कितना सब कुछ है बदल गया,
अपने बगीचे की नन्ही कलियाँ
देखो खिलकर सौम्य फूल बना !!
मैं भी पहले जैसी कहाँ रही,
छा गयीं झुर्रियां, उम्र बढ़ा,
आँखों पर चढ़ा मोटा चश्मा,
सर का आधा बाल सफेद हुआ !!
जाना ही था तो चले जाते,
पर इतना तो करते जाते,
यादों की अपनी पोटली भी,
अपने साथ ही लेकर जाते !!
क्यों जाने के बाद भी साथी,
तुम दिल के अंदर रहते हो,
दिल को हर पल निचोड़ कर,
आंसुओं से सिंचित फलते-फूलते हो !!"ReNu"
Copyright© reserved by Poetess Asha Prasad "ReNu"
मेघ बयारों से जाकर पूछा,
जाने वाले कहाँ चले जाते हैं,
दे ठौर-ठिकाना उनका बता !!
ओ महायात्रा पर जाने वाले,
क्यों लौट नहीं घर को आते,
दिवाली तुम्हारे बिना फीका,
होली का रंग भी बेरंग हुआ !!
आ कर देखो बस एक बार,
कितना सब कुछ है बदल गया,
अपने बगीचे की नन्ही कलियाँ
देखो खिलकर सौम्य फूल बना !!
मैं भी पहले जैसी कहाँ रही,
छा गयीं झुर्रियां, उम्र बढ़ा,
आँखों पर चढ़ा मोटा चश्मा,
सर का आधा बाल सफेद हुआ !!
जाना ही था तो चले जाते,
पर इतना तो करते जाते,
यादों की अपनी पोटली भी,
अपने साथ ही लेकर जाते !!
क्यों जाने के बाद भी साथी,
तुम दिल के अंदर रहते हो,
दिल को हर पल निचोड़ कर,
आंसुओं से सिंचित फलते-फूलते हो !!"ReNu"
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Very realistic ... thoughtful and yes a shade of romance is also seen...
ReplyDeletethanx Achla Ji :):)
ReplyDeleteye syahi nahi...aansuo se likhi gayi sachi baate hain aapke dil ki.....
ReplyDeletePadh kar bahut hi acha laga...
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