Tuesday, April 30, 2013

मत रौंदो इस तरह मुझको,
सुकून से बचपन तो जीने दो !
जरा सब्र तो करो रावणों,
पहले सीता तो मुझे बनने दो !! "ReNu"

Copyright© reserved by Poetess Asha Prasad, ReNu

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