Thursday, February 21, 2013

"बौरायी है पवन बसंती"


बौरायी है पवन बसंती,
पल-पल अपनी दिशा बदलती !

पेड़ों को झकझोर रही है,
फूल-पत्तों को तोड़ रही है !
तितलियों को सता रही है,
जबरन साथ में उड़ा रही है !
बौरायी है पवन बसंती.....

सांय-सांय कर कभी डराती,
पत्र-दलों को नाच-नाचती !
कभी गगन में ऊँचा ले जाती,
कभी धरा पर धम्म से गिराती !
बौरायी है पवन बसंती.....

अल्हड़ और मदमस्त बसंती,
अपनी ताकत पर इतराती !
दीवारों से जा कर टकराई,
बौखलाई फिर वापस आई !
बौरायी है पवन बसंती..... "ReNu"

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Wednesday, January 23, 2013

समर्पण

Twadiyam vastu govinda tubhyameva samarpaye !
हृदय समर्पण किया तुमको,
अब प्राण समर्पण करती हूँ !
जो तेरा था दे दिया तुमको, 
अब बचा नहीं कुछ देने को !!

हृदय लगा लो या ठुकराओ,
चाहे मुझे खाक में मिलाओ !!
मैंने तो अपना यह जीवन,
तुम पर ही निसार किया !! "ReNu"

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Tuesday, January 15, 2013

क्या मातृभूमि से प्रेम करने का जज्बा शहीदों का परिवार जगायेगा ?


क्या मातृभूमि से प्रेम करने का जज्बा शहीदों का परिवार जगायेगा ?

हम गरज-गरज कर रह गए,
तुम बरस-बरस कर चले गए !!
हम कोरी धमकी देते रह गए,
तुम सिर कलम कर ले गए !!  :(((((((

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कल अखिलेश को सुना, उसने जो कुछ भी कहा सुनकर अच्छा लगा!
तकलीफ तो ये है कि उनमें मातृप्रेम का जज्बा तब जागा जब अनसन पर बैठे शहीद हेमराज कि माँ और पत्नी कि हालत गंभीर हो गई ! तर्क था, मैं व्यस्तता के कारण नहीं आ सका !
ऐसी कौन सी व्यस्तता थी अखिलेश जो तुम्हारी मातृभूमि से बढ़कर थी और वो व्यस्तता किसके लिए थी ? आज अगर भारतदेश है तो इन भारत माँ के शहीद सपूतों के कारण!
कहीं ऐसा न हो कि प्रशासन कि उपेक्षा के कारण मांयें अपने बेटों को शरहद पर भेजना बंद कर दे ! फिर न तो भारत देश रहेगा और न ही तुम्हारी व्यस्तता ! 
जय हिन्द ! "ReNu"

Sunday, January 6, 2013

"राम" नाम बड़े और करणी छोटे ....


‎"राम" नाम बड़े और करणी छोटे ....
कई दिनों से चूहे घर में ऊछल-कूद मचा रहे थे !घर से आँगन और आँगन से घर में बार-बार आ-जा रहे थे !सोचा चलो आँगन में जाकर देखा जाये ये कर क्या रहें हैं !देखा तो कबाड़ के बीच में गरम कपड़े के ढेर सारे कतरन पड़े थे !गुस्सा बहुत आया उसे उठा कर फेंकने के लिए झुकी तो लाल-लाल कई चूहे के बच्चे थे, उनकी आँखे बंद थीं ! सारा गुस्सा रफ्फुचक्कर हो गया, अच्छी तरह से ढककर वापस अंदर आ गई!
         आजकल जहाँ देखो राम और सीता की दुहाई दी जा रही है... 
यह सब देखकर मैं यह सोचने पर मजबूर हो गई कि क्या राम का किरदार पूज्यनीय है ?
एक जानवर..चूहा, चिड़ियाँ अपने बच्चे के लिए जान लगा देता है और वो कैसा बाप रहा होगा जो पहले तो पत्नी की अग्नि परीक्षा लेता है और उसके वावजूद उसे गर्भावस्था में चुपचाप हिंसक पशुओं के बीच जंगल में छुड़वा देता है ! नारी का इतना अपमान करने के बाद भी "भगवान् राम" कहलाता है .....सच "भारत देश महान है" जहाँ पग-पग पर नारी का अपमान होता है .. :(((((((  "ReNu"


Saturday, December 29, 2012

मैं टूट गई ... Damini

ओ सियासतदानों कहाँ थे उस समय 
जब मैं इंसाफ के लिए 
जिन्दगी और मौत से जूझ रही थी 
मुझे पता था ..
वहशी दरिंदों ने जो मेरी हालत की थी
ज्यादा दिनों तक मेरा शरीर 
मेरा साथ नहीं देने वाला !
फिर भी मैं मौत से लड़ती रही 
इस उम्मीद में कि जीते-जी मुझे 
इन्साफ मिल जाय और मैं चैन से मर सकूँ !
लेकिन तुम लोगों ने मुझे मुद्दा बनाकर 
अपनी-अपनी रोटी सेंकनी शुरू कर दी !
मैं टूट गई ...
इंसाफ कि उम्मीद ख़त्म हो गई 
शरीर ने साथ देना बंद कर दिया 
आखिर कब तक....
दरिंदगी का शिकार यह शरीर 
इंसाफ कि उम्मीद में मेरा साथ निभाता ...:(((((((


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मैं जिन्दा हूँ ! ...Damini

मेरी मौत पर सियासत करने वालों 

अब घड़ियाली आँसू बहाना बंद करो 

मैं जिन्दा हूँ ! 

हर उस इंसान में... 

जो मेरी सलामती की दुआ कर रहे थे ! 

मैं जिन्दा हूँ ! 

हर उस इंसान में ... 

जो मेरे गुनहगारों को को सजा दिलाने के लिए 

ना ही पुलिस के डंडे की परवाह की 

ना ही इस ठंढ में पानी के बौछारों की ! 

मैं जिन्दा हूँ ! 

मेरे लिए आँसू बहाने वाले के दिलों में 

जिनके आँसू को छिपाने के लिए 

पुलिस ने आँसू गैस छोड़े ! "ReNu"


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Wednesday, December 26, 2012

नारी

अबला बेचारी कहलाते रहे 
हम इतिहास के अध्याय में !! 
मूक हो अपमान सहते रहे
हम सदियों से इस देश में !!

उपेक्षित रहे, शोषित रहे 

सहिष्णुता बना अभिशाप है !!
अपनी इस कायरता पर 
आत्मा धिक्कार रही आज है !! 

आत्मा को लहूलुहान करते रहे 

हिंस्र पशु बन कर बड़े गर्व से !!
पिघला नहीं पैशाचिक हृदय 
हमारी मार्मिक चीख-पुकार से !!


दबा हुआ आक्रोश जिस दिन 
बन कर ज्वालामुखी फूटेंगी !! 
संयम छोड़, निर्भीक हो नारी 
पाशविक नर का संहार करेंगी !! "ReNu"

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