Thursday, July 10, 2014
Tuesday, February 4, 2014
**काश, मैं मंत्री जी की भैंस होती **
काश, हम मंत्रीजी की भैंसिया होती भैया ......
विदेशी शैम्पू से स्विमिंग पूल में नहैती,
महंगा बॉडी लोशन से मालिश करवैती,
हमर रूप के चका-चौंध देख-देख के,
मिस यूनिवर्स भी जलती।।
काश, हम मंत्रीजी की भैंसिया होती भैया ……
जमके सलाद-सब्जी के छप्पन भोग लगैती,
संतरा, अनार, अंगूर के खूब जूस पीती,
देश की जनता पानी में जाये,
हमत मौज उड़ैती।।
काश, हम मंत्रीजी की भैंसिया होती भैया ……"ReNu"
Monday, October 7, 2013
*मन*
ओ, मानव तू क्यों भागे हैं
मन के पीछे-पीछे…….
छलिया है यह छल लेगा ,
पल-पल रास्ता बदलेगा ।
कभी शिखर चढ़ जायेगा ,
कभी भू-गर्भ जा बैठेगा ।
थक जायेगा, गिर जायेगा ,
इसके पीछे भागते-भागते ।
ओ, मानव तू क्यों भागे हैं
मन के पीछे-पीछे…….
मन के आगे हो जाता है ,
प्रकाश-गति भी धीमी ।
पलभर में यह सैर करा दे ,
तुमको पूरे ब्रह्मांड की ।
भूत-भविष्य में ले जायेगा ,
मदारी बनके नचायेगा ।
बन्दर बनकर रह जायेगा ,
इसके पीछे नाचते-नाचते ।
ओ, मानव तू क्यों भागे हैं
मन के पीछे-पीछे……. "ReNu"
Copyright© reserved by Poetess Asha Prasad "ReNu",
मन के पीछे-पीछे…….
छलिया है यह छल लेगा ,
पल-पल रास्ता बदलेगा ।
कभी शिखर चढ़ जायेगा ,
कभी भू-गर्भ जा बैठेगा ।
थक जायेगा, गिर जायेगा ,
इसके पीछे भागते-भागते ।
ओ, मानव तू क्यों भागे हैं
मन के पीछे-पीछे…….
मन के आगे हो जाता है ,
प्रकाश-गति भी धीमी ।
पलभर में यह सैर करा दे ,
तुमको पूरे ब्रह्मांड की ।
भूत-भविष्य में ले जायेगा ,
मदारी बनके नचायेगा ।
बन्दर बनकर रह जायेगा ,
इसके पीछे नाचते-नाचते ।
ओ, मानव तू क्यों भागे हैं
मन के पीछे-पीछे……. "ReNu"
Copyright© reserved by Poetess Asha Prasad "ReNu",
Sunday, October 6, 2013
Friday, August 16, 2013
*अभी पूर्ण स्वतंत्रता बाकी है *
स्वार्थ में लिपटे हुए सत्ताधारी ,
भरने में लगे हैं अपना तिजोरी ,
सीमा पर हुए शहीद जो वीर हैं ,
सुध लेते नहीं उनके परिजनों की कभी ,
जबतक शहीदों के शोणित से,
भारत माँ का आँचल भींगेगा ,
तबतक परतंत्रता बाकी है ,
अभी पूर्ण स्वतंत्रता बाकी है !!
पुत्र, पति, भाई के वियोग में,
दहलाता स्त्रियों का रुदन करुण ,
सहमें हुए पित्रहीन मासूमों का,
कौन सुनता है यहाँ अन्तःनाद ?
जबतक विधवाओं के सिंदूर से ,
सत्ता लोलुप्तों का राजतिलक होगा ,
तबतक परतंत्रता बाकी है ,
अभी पूर्ण स्वतंत्रता बाकी है !!
संविधान बनाकर क्या होगा ?
जब अमल नहीं उसपर होगा ,
रह गया है दबकर संविधान ,
मोटी किताब के पन्नों में ,
जबतक यह मुक्त नहीं होगा ,
तबतक परतंत्रता बाकी है ,
अभी पूर्ण स्वतंत्रता बाकी है ,
अभी पूर्ण स्वतंत्रता बाकी है !! "ReNu"
भरने में लगे हैं अपना तिजोरी ,
सीमा पर हुए शहीद जो वीर हैं ,
सुध लेते नहीं उनके परिजनों की कभी ,
जबतक शहीदों के शोणित से,
भारत माँ का आँचल भींगेगा ,
तबतक परतंत्रता बाकी है ,
अभी पूर्ण स्वतंत्रता बाकी है !!
पुत्र, पति, भाई के वियोग में,
दहलाता स्त्रियों का रुदन करुण ,
सहमें हुए पित्रहीन मासूमों का,
कौन सुनता है यहाँ अन्तःनाद ?
जबतक विधवाओं के सिंदूर से ,
सत्ता लोलुप्तों का राजतिलक होगा ,
तबतक परतंत्रता बाकी है ,
अभी पूर्ण स्वतंत्रता बाकी है !!
संविधान बनाकर क्या होगा ?
जब अमल नहीं उसपर होगा ,
रह गया है दबकर संविधान ,
मोटी किताब के पन्नों में ,
जबतक यह मुक्त नहीं होगा ,
तबतक परतंत्रता बाकी है ,
अभी पूर्ण स्वतंत्रता बाकी है ,
अभी पूर्ण स्वतंत्रता बाकी है !! "ReNu"
Tuesday, July 30, 2013
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