जब भी चमन में फूल खिले,
और तितली लुटाये अपना प्यार ।
चाँद बिखेरे जब शीतल किरण ,
और धरती ओढ़े दुधिया चुनर ।
झींगुरों ने जब छेड़े राग यमन ,
पवन के झूले में झूले प्रकृति मगन ।
स्नेह बनकर जब बरसे शबनम ,
ऐसे में काश! तुम होते प्रियतम । "ReNu"
Copyright© reserved by Poetess Asha Prasad "ReNu"
और तितली लुटाये अपना प्यार ।
चाँद बिखेरे जब शीतल किरण ,
और धरती ओढ़े दुधिया चुनर ।
झींगुरों ने जब छेड़े राग यमन ,
पवन के झूले में झूले प्रकृति मगन ।
स्नेह बनकर जब बरसे शबनम ,
ऐसे में काश! तुम होते प्रियतम । "ReNu"
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