स्वार्थ में लिपटे हुए सत्ताधारी ,
भरने में लगे हैं अपना तिजोरी ,
सीमा पर हुए शहीद जो वीर हैं ,
सुध लेते नहीं उनके परिजनों की कभी ,
जबतक शहीदों के शोणित से,
भारत माँ का आँचल भींगेगा ,
तबतक परतंत्रता बाकी है ,
अभी पूर्ण स्वतंत्रता बाकी है !!
पुत्र, पति, भाई के वियोग में,
दहलाता स्त्रियों का रुदन करुण ,
सहमें हुए पित्रहीन मासूमों का,
कौन सुनता है यहाँ अन्तःनाद ?
जबतक विधवाओं के सिंदूर से ,
सत्ता लोलुप्तों का राजतिलक होगा ,
तबतक परतंत्रता बाकी है ,
अभी पूर्ण स्वतंत्रता बाकी है !!
संविधान बनाकर क्या होगा ?
जब अमल नहीं उसपर होगा ,
रह गया है दबकर संविधान ,
मोटी किताब के पन्नों में ,
जबतक यह मुक्त नहीं होगा ,
तबतक परतंत्रता बाकी है ,
अभी पूर्ण स्वतंत्रता बाकी है ,
अभी पूर्ण स्वतंत्रता बाकी है !! "ReNu"
भरने में लगे हैं अपना तिजोरी ,
सीमा पर हुए शहीद जो वीर हैं ,
सुध लेते नहीं उनके परिजनों की कभी ,
जबतक शहीदों के शोणित से,
भारत माँ का आँचल भींगेगा ,
तबतक परतंत्रता बाकी है ,
अभी पूर्ण स्वतंत्रता बाकी है !!
पुत्र, पति, भाई के वियोग में,
दहलाता स्त्रियों का रुदन करुण ,
सहमें हुए पित्रहीन मासूमों का,
कौन सुनता है यहाँ अन्तःनाद ?
जबतक विधवाओं के सिंदूर से ,
सत्ता लोलुप्तों का राजतिलक होगा ,
तबतक परतंत्रता बाकी है ,
अभी पूर्ण स्वतंत्रता बाकी है !!
संविधान बनाकर क्या होगा ?
जब अमल नहीं उसपर होगा ,
रह गया है दबकर संविधान ,
मोटी किताब के पन्नों में ,
जबतक यह मुक्त नहीं होगा ,
तबतक परतंत्रता बाकी है ,
अभी पूर्ण स्वतंत्रता बाकी है ,
अभी पूर्ण स्वतंत्रता बाकी है !! "ReNu"
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