मैं कहती हूँ मैं अच्छी हूँ ,
वो कहते है वो अच्छे हैं ,
मैं कहती हूँ तुम बुरे हो ,
वो कहते हैं तुम बुरे हो ,
फिर बुरा कौन और अच्छा कौन ?
या तो सब अच्छे या सब बुरे ,
या तो सभी अच्छे और बुरे दोनों ,
"शहर से गावं तक जा देखा,
मिला नहीं बुरा कोई अनोखा ,
प्रतिबिंब आईने का जब देखा ,
अपने जैसा ही सबको देखा !!" "ReNu"
Copyright© reserved by Poetess Asha Prasad "ReNu"
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