परेशानी और बाधाओं को,
अपने पैरों के निचे रख दे !
बनने न दे इसे पथ का रोड़ा,
मंजिल की सीढ़ी बना ले !!
तू कौन है, क्या है,
यह दुनिया को आज दिखा दे !
मत चल औरों के पदचिन्हों पर,
खुद अपना पदचिन्ह बना ले !!
परवाह नहीं कर दुनियाँ की,
क्या तेरे बारे में वो कहता है !
मतलब केवल उन बातों का,
जो तू अपने आप से कहता है !!
व्यर्थ न गवा समय अपना,
तू सोच के औरों के बारे में !
मत कर औरों से अपनी तुलना,
जो दूर ले जाये तुमको खुद से !!
सबसे ऊपर जाकर जो बैठता है,
वह श्रेष्ठ नहीं हो जाता है !
अपने आप से ऊपर उठ कर तू,
श्रेष्ठता का मतलब उनको समझा दे !!"ReNu"
Copyright© reserved by Poetess Asha Prasad "ReNu"
अपने पैरों के निचे रख दे !
बनने न दे इसे पथ का रोड़ा,
मंजिल की सीढ़ी बना ले !!
तू कौन है, क्या है,
यह दुनिया को आज दिखा दे !
मत चल औरों के पदचिन्हों पर,
खुद अपना पदचिन्ह बना ले !!
परवाह नहीं कर दुनियाँ की,
क्या तेरे बारे में वो कहता है !
मतलब केवल उन बातों का,
जो तू अपने आप से कहता है !!
व्यर्थ न गवा समय अपना,
तू सोच के औरों के बारे में !
मत कर औरों से अपनी तुलना,
जो दूर ले जाये तुमको खुद से !!
सबसे ऊपर जाकर जो बैठता है,
वह श्रेष्ठ नहीं हो जाता है !
अपने आप से ऊपर उठ कर तू,
श्रेष्ठता का मतलब उनको समझा दे !!"ReNu"
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