Thursday, July 10, 2014

चाक पर रखी गीली मिट्टी से,
अपने सपनों को कर रही साकार। 
कल्पना को कोमल उँगलियों से,
बिटिया दे रही अभिनव आकार। "ReNu"

Copyright© reserved by Poetess Asha Prasad "ReNu" 

Tuesday, July 8, 2014

शब्दों को आँखों में उतार लिया है मैंने,
ताकि बधिर पशु-पक्षी भी मेरी भाषा समझ सके....."ReNu"

Copyright© reserved by Poetess Asha Prasad "ReNu"        

Tuesday, February 4, 2014

**काश, मैं मंत्री जी की भैंस होती **


काश, हम मंत्रीजी की भैंसिया होती भैया ......

विदेशी शैम्पू से स्विमिंग पूल में नहैती,
महंगा बॉडी लोशन से मालिश करवैती,
हमर रूप के चका-चौंध देख-देख के,
मिस यूनिवर्स भी जलती।।
काश, हम मंत्रीजी की भैंसिया होती भैया ……

जमके सलाद-सब्जी के छप्पन भोग लगैती,
संतरा, अनार, अंगूर के खूब जूस पीती,
देश की जनता पानी में जाये,
हमत मौज उड़ैती।।
काश, हम मंत्रीजी की भैंसिया होती भैया ……"ReNu"