Wednesday, July 10, 2013

*मानव मन का विकार*

मैं कहती हूँ मैं अच्छी हूँ ,

वो कहते है वो अच्छे हैं ,

मैं कहती हूँ तुम बुरे हो ,

वो कहते हैं तुम बुरे हो ,

फिर बुरा कौन और अच्छा कौन ?

या तो सब अच्छे या सब बुरे ,

या तो सभी अच्छे और बुरे दोनों ,

"शहर से गावं तक जा देखा,

मिला नहीं बुरा कोई अनोखा ,

प्रतिबिंब आईने का जब देखा ,

अपने जैसा ही सबको देखा !!" "ReNu"

  Copyright© reserved by Poetess Asha Prasad "ReNu"

 

 

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