Friday, September 7, 2012

आता जब सागर में भूचाल


आता जब सागर में भूचाल,
लहरें बनतीं विकराल काल,
नाविक हताश सब होते हैं,
पतवार छोड़ होश खोते हैं,
पर उनमें होता एक प्रखर,
जो प्रयत्न निरंतर करता है,
साहिल तक वही पहुँचता है,
नाविक वह कुशल कहलाता है,
नौका भवंर से निकाल जो लाता है !!

जीवन भी तो है एक सफर,
विघ्न-बाधाओं से ये भरा पथ,
वीर मनुष्य जो होता है,
बाधाओं को गले लगाता है,
साहस की धारण किये कवच,
पर्वत से भी टकरा जाता है,
सच्चा पथिक वही कहलाता है,
जो दुःख-सुख में विचलित हुए बिना,
जीवन-पथ पर अग्रसर रहता है !!"ReNu"

    Copyright© reserved by Poetess Asha Prasad "ReNu" 

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